जो निरे अयाश थे सन्त कहलाये गये
जो निरे अयाश थे सन्त कहलाये गए
इस कदर गदला गई है इस जमाने की हवा ,
जो निरे अयाश थे वे सन्त कहलाये गये ,
कभी बेहयाई से कभी बेहद सफाई से ,
कभी मुकदमे बाजी से , कभी हाथापाई से ,
कभी सौदेबाजी से सजाते है दुकाने झूठ की ,
और गुर्राते है जो इनको पालता है उसीको काट खाते है ।।
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