अन्याय सहना करने से ज्यादा खतरनाक है
अन्याय सहना करने से ज्यादा खतरानाक है
हम लोग कायरता के विरुद्द पढ़ बोल सुन सकते पर कुछ कर नही सकते । कायरता के विषाणु हमारे रोम रोम के अंदर घुस आये है । तभी तो डर और खौफ का मंजर समाप्त नही होते ।अन्याय सहना अन्याय करने से ज्यादा खतरनाक है । हम सोचते रहते है कि वो आयेगा और हमे भ्रष्ट्राचार और अन्याय से मुक्ति दिला देगा । और वही तो यह सब करता है और कराता है ,इसके लिये हमे खुद आगे बढ़ना होगा ।
उठ देश कर त्राहि त्राहि ,
अब तो इसे बचाओ ,
एक बार फिर भारी भू पर ,
इन शैतानो के विरुद्द तुम आवाज तो उठावो ।
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