तन का मत अभिमान किया कर
तन का मत अभिमान किया कर
तन का मत अभिमान किया कर ,
'सेहत 'का सम्मान किया कर ।
कल की चिंता में न 'आज' का
पल -पल में न अपमान किया कर ।
अंतिम ठौर ठिकाना सबका ,
मरघट का भी ध्यान किया कर ।
प्रेम सूत्र है इस जीवन का ,
इसका भी गुण गान किया कर ।
देह देवता का मन्दिर है ,
मत इसको दूकान किया कर ।
अपनी ''हंसी''खनकने दे तू ,
मुस्कानों का मान किया कर ।
भारत माँ ने जन्म दिया है ,
इस सब पर बलिदान किया कर ।
पीछे कर दे सारी दुनिया ,
आगे हिन्दुस्तान किया कर ।।
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