कटेगी सिर्फ दिलासो से जिंदगी कब तक
कटेगी सिर्फ दिलासो से जिंदगी कब तक
कटेगी सिर्फ दिलासो से जिंदगी कब तक ,
रहेगी लब पे गरीबो के खामोशी कब तक ,
बरक पे आने को बेताब हो रहा है अब ,
रहेगा हासिये पर आम आदमी कब तक ,
न जाने कब ये बुराई का सील कलम कर दे ,
सहेगें लोग सियासत की जिंदगी कब तक ।
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