लिखने वाले
लिखने वाले कमाल .. लिखते है
लिखने वाले कमाल ....लिखते है ।
अपने दिल का उबाल.......लिखते है ।।
मेरे महबूब की ...मासूमियत है ।
दिन तो गुजर गया ...साल लिखते है ।।
सियासी हरकते है ...पागलो सी ।
जबाब मांगों ...सवाल लिखते है ।।
उनकी इबादत .. सलाम के लायक है ।
अम्ल करके ... अमाल लिखते है ।।
ये वतन को जल कर रख देंगे ।
तील भी होता है ...ताड लिखते है ।।
भूखे पेट की गजल है ये ।
रोटी -सब्जी दाल लिखते है ।।
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